वाराणसी। मानसून की बारिश के बाद से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव दर्ज किया जा रहा है। बनारस में बीते 3 दिनों में गंगा का जलस्तर करीब 3 मीटर बढ़ गया है। तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से घाट किनारे रहने वालों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।वाराणसी में पिछले 24 घंटे में 54 एमएम बारिश हुई है।
बनारस में बीते हफ्ते मानसून की अच्छी बारिश हुई। इसके अलावा पहाड़ों में लगातार बारिश का असर अब गंगा के जलस्तर पर देखा जा रहा है। तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घाट किनारे रहने वाले लोगों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जलस्तर बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए घाट के निचले इलाकों में रहने वालों ने अपने सामानों को शिफ्ट करना भी शुरू कर दिया है।
छोटे मल्लाहों को रोजगार तो पुरोहितों को सावन की चिंता
अस्सी घाट के तीर्थ पुरोहित बलराम ने बताया कि बीते तीन दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। गंगा जी अब घाट की सीढ़ियों के ऊपर आने लगी हैं। हम लोगों ने अपनी चौकियां निचले जगहों से ऊपरी स्थानों पर शिफ्ट कर दिए हैं। सावन की शुरुआत में मां गंगा का रूप देख कर इस बार सावन की कल्पना की जा सकती है। वहीं, नाविक आकाश साहनी ने बताया कि बीते दो रातों में पानी में बहाव बहुत तेज हो गया है, जिसे देखते हुए हम लोगों ने छोटी नावों को किनारों पर लगाना शुरू कर दिया है और अब बस बड़े नावों को ही संचालित कर रहे है।
बदल सकता है आरती स्थल
दशाश्वमेध घाट पर आरती संचालित कराने वाले शिवम ने बताया कि इस बार आशंका है कि गंगा का जलस्तर काफी दिनों तक बना रह सकता है। फिलहाल रफ्तार को देखते हुए ऐसा लग रहा है अगले एक दो दिन के भीतर ही हम लोगों को आरती स्थल में बदलाव करना पड़ सकता है। घाट पर पुरोहिती कराने वालों ने बताया कि जिस रफ्तार से मां गंगा घाट की सीढ़ियों पर आ गई है। बुधवार तक संभव है कि घाटों का आपसी संपर्क टूट जाए।
गंगा के जलस्तर में 50 एमएम प्रति घंटे की रफ्तार दर्ज की गई
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बनारस में मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 61.53 मीटर दर्ज किया गया। सोमवार की सुबह 59.48 मीटर पर गंगा का जलस्तर था। गंगा के जलस्तर में 50 एमएम प्रति घंटे की रफ्तार दर्ज की गई है। हालांकि अभी गंगा चेतावनी बिंदु 70.26 से काफी नीचे है।