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️वाराणसी। प्रधान मजिस्ट्रेट (किशोर न्याय बोर्ड) की अदालत ने दुष्कर्म के मामले में बाल अपचारी को बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा अभियोजन द्वारा आरोप युक्तियुक्त साबित करने में पूर्णता: असफल रहा इस लिए उसे दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक दुबे व उनके सहयोगी अधिवक्ता बिनीत सेठ ने पक्ष रखा।

⚡️अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी ने महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी की उसको उत्कर्ष चौहान ने 26 मार्च 2024 को सुबह 11 बजे फोन करके मिलने के लिए दबाव बनाने लगा, किशोर ने वादिनी को फोन करके होली मिलने के लिए मेहता नगर कालोनी स्थित (होम स्टे गेस्ट हाउस) थाना शिवपुर मिलने को बुलाया। वादिनी लगभग 3 बजे अपनी सहेली वैष्णवी के साथ उपरोक्त होम स्टे गेस्ट हाउस पर गई तो उत्कर्ष चौहान व विधि विवादित किशोर "X" दोनों ने मिलकर रूम को बन्द कर दिया। वाहिनी और उसकी सहेली को जबरदस्ती बंधक बना लिया और उसको जबरदस्ती बियर और शराब मुंह में डालकर पिलाने लगे। उसकी सहेली वैष्णवी के शोर मचाने पर वैष्णवी को छोड़ दिया और वादिनी का पर्स छीन लिया जिसमें कुछ पैसे व आधार कार्ड व ए०टी०एम० व मोबाइल व अन्य कागजात थे। 3 बजे से लेकर 7 बजे शाम तक वादिनी के साथ दोनों उत्कर्ष चौहान और किशोर "X" ने 
गला दबाकर दुष्कर्म किया। 7 बजे गेस्ट हाउस का कमरा खोला। जब वादिनी उपरोक्त घटना के बाबत शिकायत करने जाने लगी तो उत्कर्ष चौहान में वादिनी को जबरदस्ती हाथ पकड़कर अपने गाड़ी पर जबरदस्ती बैठा लिया और उसको उसके घर पर छोड़ दिया और धमकी दिया कि अगर ये बात किसी और को बताओगी तो तुमको और तुम्हारे परिवार को जान से मार देंगे।

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